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भीं पन चा !!


 भीं पन चा !!

फाटिया जींस काव चश्मा
नि खा रे लौंडा झूठी कसमा
काम धंद त्यर केछू रे नाना
कैकं दिखाछे तू झूटी शाना ।

त्वीले इस्कूल काँबटी पढ्छ
कां बटी त्वीले इंटर करछ
लाटि अंग्रेजी किले बूलाछे
बीड़ी गुटका तू किले खांछे।

शेर शायरी छोड़ी दे रे नाना
इजत भरमक नहैंत ध्याना
फसक मारण त्यर बहांना
किले देखूछे तौ झूटी शाना।

मनुवें बालि छितरी जैंछ
धानें की बालि झुकिबे रैंछ
के कौछ मीले धरिये ध्याना

भलि निलागी तौ झूटि शाना

जोगा सिंह कैड़ा
 

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