
सबनकं दशैंकि बधाइ
लेखिका:रेणुका जोशी
जी रया नानतिनों, ठुलतिनों , मैसों, शैणियो,
भै बैणियों, दगडियों। सबै झणीं भली कै रया । देखो धैं कस बिपत्ति ऐ रै ऐल
। पहाड़न बै जो भैर जैरौछी हमार नानतिन , लमालम घर ऐ गेई । आपुण घर त
आपुणें भौय पै । जब लै के बिपत्ति आली त आपुणें घर आया । जब के खुशी हौली
तब लै घर आया हो । जब लै आला द्वि चार बोट लगै जाया । आज हर्यालाक दिन त
सबै झणीं बोट लगाया ।
नानतिनों घर आला त आपुण घरौक नौल साफ करि जाया ।
द्योक पाणि एकट्ठ करुहुं एक खाव बणै जाया ।warter conservation त भौत्तै
जरूरी भै । देखो धैं हमार गाड़गध्यार सुखनै जांणी । घट / घराट कदिनैकी ज बात
है गे । हमार लुठ घट नौल ताल बण गाड़ गध्यार कुकुर बिराउ सब्बै बची रूण चै
। जब लै आला नानतिनों आपुण घर माउ बाड़ छान छजै बे जाया । आपुण मै बाबन कं
भेटुहुं ऊणै रया ।
जी रया ।
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