'

हरड़ (HARAD)



हरड़ (HARAD)
============
(लेखक: जगमोहन साह)

हरड़ उत्तराखंड में पाँच हजार फीट की ऊँचाई पर पाया जाने वाला एक जंगली आयुर्वेदिक औषधि है। हरड़ का वृक्ष 60 से 80 फुट तक ऊँचा होता है, इसका वानस्पतिक नाम Terminalia chebula है। आयुर्वेद ने इसे अमृता, मेध्या आदि नामों से जाना है। कच्चे फल हरे तथा पकने पर पीले धूमिल होते हैं।


प्रत्येक फल में एक बीज होता है। टेनिक अम्ल, गलिक अम्ल, चेबूलीनिक अम्ल जैसे ऐस्टि्रन्जेन्ट पदार्थ तथा एन्थ्राक्वीनिन जैसे रोचक पदार्थ हरड़ के रासायनिक संगठन का बड़ा हिस्सा हैं। इसके अतिरिक्त इसमें जल तथा अन्य अघुलनशील पदार्थ भी होते हैं। इसमें 18 प्रकार के अमीनो अम्ल मुक्तावस्था में पाए जाते हैं।

हरड़ के फायदे:- 

बवासीर, सभी उदर रोगों, संग्रहणी आदि रोगों में हरड़ बहुत लाभकारी होती है। आंतों की नियमित सफाई के लिए नियमित रूप से हरड़ का प्रयोग लाभकारी है।  लंबे समय से चली आ रही पेचिश तथा दस्त आदि से छुटकारा पाने के लिए हरड़ का प्रयोग किया जाता है।  सभी प्रकार के उदरस्थ कृमियों को नष्ट करने में भी हरड़ बहुत प्रभावकारी होती है।

 (प्रस्तुति: जगमोहन साह, बी ब्लाक, सेक्टर 62 नोएडा)

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ