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तिमिल (TIMAL)



तिमिल (TIMAL)
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(लेखक: जगमोहन साह)

तिमिल (TIMAL):-
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इसमें जितना अधिक फाइबर होता है उतना किसी अन्य फल में नहीं पाया जाता है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में तिमल का वृक्ष बहुतायत मात्र में पाया जाता है।

इसके अंदर का गूदा बहुत स्वादिष्ट होता है। वैज्ञानिकों ने जब इस पर रिसर्च की तो इसमें काफी मात्रा में कैल्सियम मिला। इसमें कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, फाइबर तथा कैल्सियम, मैग्निसियम, पो​टेसियम और फास्फोरस जैसे खनिज विद्यमान होते हैं। पक्के हुए फल में ग्लूकोज, फू्क्टोज और सुक्रोज पाया जाता है।

तिमल के तेल में ऐसे कई फैटी एसिड हैं, वैसीसिनिक एसिड, जिससे कैंसर समेत अन्य बीमारियों का इलाज संभव है, लाइनोलेनिक एसिड से दिल का इलाज़ होता है,
लाइनोलेनिक एसिड जो की धमनियों मैं ब्लोकेज होने से रोकता है, ऑलिक एसिड जो कि लो-डेंसिटी लाइपो प्रोटीन की मात्रा शरीर में कम करता है।


उत्तराखंड में पारंपरिक रूप से इसका प्रयोग दवाओं के रूप में किया जाता रहा है। इसके पत्ते आकार में बड़े होने की वजह से पहले समय में खाना खाने के लिए थाली का काम करती थी। आज भी कई जगह शादी पार्टी के आयोजनों में लोग इसके पत्तों का इस्तेमाल करते हैं।


(प्रस्तुति: जगमोहन साह, बी ब्लाक, सेक्टर 62 नोएडा)

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