
काप या कापा (Kapa)
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(लेखक: जगमोहन साह)
यदि टाँप पांच कुमाऊँनी व्यंजनों के नाम लो, तो उसमें एक नाम कापे का भी होता है। यह एक प्रकार की हरी करी ही है, जिसे सरसों, पालक आदि के हरे पत्तों को बारिक काटकर, घोंटकर या पीस कर बनाया जाता है।
'कापा’ यह एक शानदार और पोषक अहार है तथा कुमाऊंनी खाने का एक अहम अंग है। इसे रोटी और चावल (भात) के साथ लंच और डिनर में खाया जाता है।
‘काप’ बनाने के लिए हरे साग (500 ग्राम पालक के पत्ते) को बारिक काटकर उबाल लिया जाता है उबालने के बाद साग को पीसकर, उसमें एक बड़ा चम्मच बेसन या चावल का आटा, 1-2 कटी हुई बारीक हरी मिर्च, हल्दी धनिया, गरम मसाला पाउडर आदि मिला कर पकाया जाता है।
अन्त में हिंग व लाल मिर्च का तड़का (बघार) दिया जाता है।
(प्रस्तुति: जगमोहन साह, बी ब्लाक, सेक्टर 62 नोएडा)
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