
फौजी कैन्टीन चहा
(रचनाकार: दिनेश कांडपाल)
फौजी कैन्टीन चहा लै दहा जै पाड़ि हालि,
म्यार गौं गाड़ का छ्वार शराबि बंड़ै हालि।
बैणिं, सैंणि कं टैंशन इज कैं ल टैंशन भारि,
इज-बौजि क गलोबंद लै चलि रै दुकानदारि।
सब स्कूलि नना लै लुकि-छुपि बे चाखि हालि,
मासैबों का झ्वालां में लै य पुजि गे रान सालि।
सांस पड़ि सबै गौनुं में मच गो कलाट भारि,
सौर, देवर बटि बचूं रै गौं गाड़ की अब ब्वारि।
मैंसूंका करम फूटाआब सैंणियांक मति लै मारि,
हुड़किया बौल में थैलि आब खुलि रै सार सारि।

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