'

हैप्पी होली


हैप्पी होली
(रचनाकार देवेन्द्र सती)

निकल पड गे मस्त नान तिनोंक टोलि

सबुक जुबान पर इक्के बोलि

हैप्पी होलि  हैप्पी होलि

फिर सजै रंगो महफिल
प्यारैक धार बनेली होई

होईक होल्यार कतु छी

रंग बिरंगी रंगुक बौछार कतु छी

अरे पहाड तरफ आओ
तुमार मुखडि पर रंग लगूणि भोत छ

कब तक घर गौ बै रुठी रोला

मन मे न छल कपट हो
भौत  उच्च हमर मनोबल हो

अंतर मन ले स्वच्छ हो
सुरत अगर छ प्यारी भोलि

होई मे रंग त जरुर लागोल गोरी

हैप्पी होई हैप्पी होली

आपु सबै रंगील  लोगों के  होईक हार्दिक शुभकामनॉए
 
कविता: देव सती, 
चौबटियक थोड़ तलि बटि,पपनैपुरी पाखुडा़

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ