
कौ लाटा आण काथा
रचनाकार: रेणुका जोशी
कौ लाटा आण काथा
सुण काला तू
मैस हरै गेईं
कत्थप लुकी गेईं
के बागा त्वील नड़क्या?
कां गेईं ऊं?
अणकस्सै लुगुड़ पैरी
बल्दा चारि माव पैरी
के बल्दा त्वील गाइ दे?
तसिक रौला ऊं?
कौतिक सब भुली गेईं
एकलकट्टू बानर ज
किलै चाडौ़ तुमूल गोठ्या?
पिंजाड़ में ऊं?
हाइ तवाइ कसि करछीं
हकाहाक कम नि हुंछी
तसिकै आब कसिक रूणी?
चा उलुवा तू।
चाड़ पिटांग बलिक रयीं
क सुन्दर छाजी रयीं
के गंगा त्यर शराप?
कसिक तराल ऊं?
10-04-2020
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