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नेता ज्यू केछू तौ, एकारि दून मा....


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नेता ज्यू केछू तौ, एकारि दून मा
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रचनाकार: संतोष जोशी 'सुधाकर'  
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(गधेरूआ नेतागिरी पै कुमाऊँनी कविता)

तुम जीत छां
हमार गौं पै
तुमरि जितणं की
आश हमेरी नौं पै।

तुमौर सरकारी निधि
हमौर लिजिक
पै बतूना कन नेता ज्यू
विकास हूँ कसिक।

नेता ज्यू तुमौर यौ
विकास जौस टाँकी गौ
बुनियौ हांगोंक हरिया बून मा।

नेता ज्यू यौ तो बताओ
एकारि केछू तो दून मा....2

तुमार बातचीत
हुनेर भयौ हुक्म
तुमार चुपाड़ क्वीढ़
नै हुनी कैकजि हजम।

विकासा क तुमार
फसक ठुल ठुली
प्रचारोक टेम पै
तुमार छटकै बुलबुली।

नै भुलिया हा हघिल
साल आजि मिलला
हघिल साल आजि
भोट छन यैं नेता ज्यू ह्यून मा।

नेता ज्यू यौ तो बताओ
एकारि केछू तो दून मा.....2

तुमुल कौ रोड ल्युन
सबै तुमार आस लाग रई
पैदलै हिट हिटि बै
आब यों ईजा भाँट टूट गई।

तुमार नान पड़नई
इग्लिंश मीडियम स्कूल मा
हमार घ्याट म्याट जाणीं
पार धारोक प्राइमरी मा।

कुड़ी म्वाव बजी गई
लगुणों मकडु आपणं जाव
आपु लापत ह्वै गया
होटलो और बोतलों क सुकून मा।

नेता ज्यू यौ तो बताओ
एकारि केछू तो दून मा....2

बतै दियो हौ नेता ज्यू....।।
संतोष जोशी(सुधाकर)
(M) 9540689825
गरुड बागेश्वर

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