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"दाज्यू कौस यौ जमान ऐगौ"
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रचनाकार: संतोष जोशी 'सुधाकर'
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दाज्यू कौस यौ जमान ऐगौ,
रिश्त माजि कौस आग लागौ।
मैस है गौ हब्बी,
नान है गौ बॉबी।
सास हैगे मोमी,
शौर हैगो डैडी।
जिठाण् हैगो ठुल भईया,
दिराण् हैगी दीदी मैया।
आब बुबु लै कुणईं
हमुधै लै क्वै बल नौ धरि,
जाठीं मेरी हराई बल
क्वै त मेरि लै खैरि सुणोंई।
आम की धात लै ऐकारि छ
भांट आमाक लै फरकि ग्याई,
नौ नाम की सरासर
बंटाधार छ लग्याई।
मैस सोचणां छन उ
बल जमान कख हराई,
क्वै मन्खयै कै जाणैं
यौ कौस बख्त आई।
क्वै नि रौ यखि आपणं
सबै बारी बारि ह्वैगी पराई।।-2
जय हो बल।
एक सफल भविष्य की कामना।।
संतोष जोशी(सुधाकर)
(M) 9540689825
गरुड बागेश्वर

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