
कुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ
यहाँ पर हम कुमाऊँनी की कुछ प्रचलित मुहावरों और लोकोक्तियों को उनके अर्थ के साथ जानने का प्रयास करेंगे:-
ठग, ठठेरो, चोर, सुनार, खौ कोलि, डाड़ ल्वार
अर्थात
न्याय का अपहरण या घोर अन्याय होना
ठुल आदिम झूठी बुलाणी, सब ऐथां-ऊथां चाँणी
अर्थात
अगर कोई सामर्थ्यवान झूठ बोले तो कोई भी आसानी से विरोध नहीं करता
ठुल गोर लूंण बुंकां, नान गोर थोव चाटूं
अर्थात
समय तथा परिस्थिति के अनुसार व्यक्ति को देखकर व्यवहार करना
ठुल थुपूड़ाक ठुल सेत. नान थुपूड़ाक नान सेत
अर्थात
प्रतिष्ठित या धनी व्यक्ति में व्यग्रता भी अधिक होती है
ठेकि भरि घ्यूं, बिराऊ लै खै
अर्थात
अयोग्य व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे के परिश्रम का फल प्राप्त कर लेना
उपरोक्त मुहावरों और लोकोक्तियों के सम्बन्ध में सभी पाठकों से उनके विचारो, सुझावों एवं टिप्पणियों का स्वागत है।
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