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💐शेरदा अनपढ़ कैं विनम्र श्रधांजलि💐
रचनाकार: संतोष जोशी 'सुधाकर'
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(कुमाऊँनी कविता)
20 मई 2012 ह़ै जी सुप्रसिद्ध कुमाउनी कवि शेरदा अनपढ़ ज्यू क देहांत हौ।
शेरदा अनपढ़ कैं विनम्र श्रधांजलि भावपूर्ण की कुछ बातें.....
आज हम सब साथ उनको याद करते हैं।
सुण लियो भाल मैसो
पहाड़ रुणी लोगो..
नान ठुल सब सुणो
यो म्यार कुरेदो....
दीदी बैनी सुण लिया
एक अरज करनु....
चार बाता पहाड़ का
तुम संग करनु....
चार बाता लिख दिनु
जो म्यारा दिलम.....
आजकल पहाड़ मा
है रै छो जुल्म....
नान ठुल लोगा
सब भाजण फैगई...
कदुक पहाड़ क मैस
देश में ए गई.....
भाल घर कतुग
है गई बदनाम....
जाग जाग एक नई,
एक नई काम.....
जय हो
संतोष जोशी
(M) 9540689825
गरुड बागेश्वर

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