
🍕🍕आल, एक दिन यस🍕🍕
रचनाकार: सुरेंद्र रावत
राम चन्द्र ज्युक सेना में, जो वानर बनि बै बैठी छू।
नि पछ्यांण कैल मकैं, यस सोची कस एंठी छू।
छल कपट और बुद्धि बल में, दाज्यु भौते अन्तर छु।
कजरी ज्यु की अब तक सबोंकैं, याद ऊ जन्तर मन्तर छु।
राम चन्द्र ज्युक सेना में, जो वानर बनि बै बैठी छु।
नि पछ्यांण कैल मकै, यस सोची कस एंठी छू।
रूप धरी छु वानर वाल, वानर जस मन कां बैल्याल।
हनुमान ज्युक नजरों हंबै, राक्षस कब तक बचि पाल।
आल.एक दिन यस लै आल, वानर बनि बै लै पछताल।
को छु वानर, को राक्षस, अमित एक दिन जरूर बताल।
को छु वानर, को राक्षस, अमित एक दिन जरूर बताल।
राम चन्द्र ज्युक सेना में, जो वानर बनि बै बैठी छु।
नि पछ्यांण कैल मकै,यस सोची कस एंठी छू।
ॐसूरदा पहाड़ी

सुरेंद्र रावत, "सुरदा पहाड़ी"
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