
कुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ
यहाँ पर हम कुमाऊँनी की कुछ प्रचलित मुहावरों और लोकोक्तियों को उनके अर्थ के साथ जानने का प्रयास करेंगे:-
थकि बल्द कैं नङूण
अर्थात
किसी की विपत्ति या मौके का फायदा उठाना
थाति हरण, पितृ मरण
अर्थात
एक साथ कई विपत्तियों का आना
थूका’क आंस लगै बेर क्ये नी हुन
अर्थात
मिथ्या प्रपंच का पता चल जाता है
थूका'क आंसू लगौण, मूता'क दी जगौण
अर्थात
मिथ्या प्रपंच कर किसी दूसरे के परिश्रम या सम्पति का भोग करना
थूका’क थेकलां’ल जै क्ये काम चलूं
अर्थात
मिथ्या बातों से किसी को ज्यादा देर तक बहलाया जा नहीं सकता
थूकि थूक और दि दान वापस नि ली सकन
अर्थात
दान कर देने बाद उसके बारे में सोचने का कोई फायदा नहीं
थोड़ि उधरि, पुर उधरौल,
जै'कैं सुधारला, ऊ पुर सुधरौल
अर्थात
समय के अनुसार वस्तु विनाश, विकास और निर्माण निश्चित है
थोड़ि कूंण, भौत समझण
अर्थात
गम्भीर बात संक्षेप में कही जा सकती है
उपरोक्त मुहावरों और लोकोक्तियों के सम्बन्ध में सभी पाठकों से उनके विचारो, सुझावों एवं टिप्पणियों का स्वागत है।
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