
हे! ईश्वरा भल करि दिया
रचनाकार: दुर्गा दत्त जोशी
हे! ईश्वरा भल करि दिया,
तुमरै आसरैलि जी रयूं।
सबै जाग बै निराश है बेर,
देवा, त्यार थान धें ऐ रयूं।
देवा यकै तुमी छा,
जो बिन लालचै पत धरछा।
जो तमार द्वार में औनीं,
उनार सबै काम बणौंछा।
तुम अंतर्यामी छा,
म्यार सबै दुखन जाणनेरै भया।
देवो हम म्यांस छां,
गलती करनं, तुम भल करनै रया।
हे भगवन ज्यैक क्वै न्हां,
उनार तुम आपण है जछा।
तमार दरबार में नान ठुल,क्वे न्हां,
सबनकें एकै मानछा।
सेठाक भगवान,
गरीबाक भगवान सबै यकै हुंनी।
सेठ धन संपत्ती में अलबली रों,
गरीब भगवानाक ध्यानै रौंनी।



दुर्गा दत्त जोशी जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी से साभार
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