कुमाऊँ का महातीर्थ जागेश्वर धाम
लेखक: दुर्गा दत्त जोशी
जागेश्वर धाम की जय। आज भी भारत के शिव भक्तों को यह पता ही नहीं है कि अल्मोड़ा जिले में जागेश्वर धाम जैसा एक धाम है जहां साक्षात नागेश शिव का निवास है। जहां के दर्शन मात्र से ही सम्पूर्ण मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। जागेश्वर के निकट ही जटागंगा का उद्गमस्थल वृध्दजागेश्वर डंडेश्वर सेमद्यो राम चरण चिंह अंकित प्रस्तर ब्रह्म कुंड कुबेर नवग्रह पुष्टिदेवी महामृत्युंजय मंदिर के अतिरिक्त मंदिर परिसर पर प्रवाहित जटागंगा जागेश्वर को संपूर्ण तीर्थ का महत्व प्रदान करते हैं। अब बात यह है कि इतने दर्शनीय स्थल होने के बावजूद भी बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है।
जागेश्वर को विश्वविख्यात करने के लिए इस महातीर्थ के प्रचार प्रसार की जरुरत है। आज हमारे देश में विश्वविख्यात कथावाचक हैं जिनको पूरे संसार में धर्म प्राण लोग नित्य सुनते हैं इसके अलावा ए कथावाचक जहां भी कथा करते हैं उनके अनुयायी वहीं कथा सुनने जाते भी हैं। मंदिर के पंडा समाज तीर्थ पुरोहितों से अनुरोध है गुजरात के गिरि बापू वृंदावन के देवकीनंदन ठाकुर मोरारीबापू संजय कृष्ण सलिल आदि किसी कथावाचक से हर साल दो चार कथाओं का आयोजन हो जिसका देश विदेश में प्रसारण हो जागेश्वर के प्राकृतिक सौंदर्य और मंदिर समूह का लोगों पता चले तो बहुत लोगों का जागेश्वर आगमन होगा जो जागेश्वर को कई रोजगार देंगे। जागेश्वर के आस पास के गांवों में भी लोगों को रोजगार उपलब्ध होंगे।
यह एक अत्यंत कठिन कार्य है ऐसे विश्वविख्यात कथावाचक को बुलाना और उनसे कथा कराना ही बहुत बडे खर्चे का काम है मगर पीतांबर पांडे विधायक कुंजवाल आदि क्षेत्र के बडे नाम अगर साथ दें तो इस प्रकार के कथाचन कीर्तन जागरण आदि कार्यों से प्रचार प्रसार में मदद तो अवश्य मिलेगी प्रचार होगा तो लोगों की आवाजाही भी बढेगी। लोग आएंगे तो रोजगार भी लाएंगे।
जय जागनाथ।

दुर्गा दत्त जोशी जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी शब्द सम्पदा से साभार
दुर्गा दत्त जोशी जी के फेसबुक प्रोफाइल विजिट करे
0 टिप्पणियाँ