
🍕🍕त्यर जंवै को घर🍕🍕
रचनाकार: सुरेंद्र रावत
मैलै तो नि जाणूं इजा, त्यर जंवैको घर।
Mobile में लागी रनी, ऊं तो दिन भर।।
मैलै तो नि जाणूइजा, त्यर जंवै को घर।
Mobile में लागी रनी,ऊं तो दिन भर।।
Facebook पारी उनर, ठुल्लै परिवार।
म्यर लिजी टैमैं नैहैं, मकैं कां करनी प्यार।।
दिनैं रातै खोलते रंनी, चेलियोंक profile।
आफी आफी हंसनैं रनी, करनैं रनी smile।
मैलै तो नि जाणू काकी, त्यर जंवै को घर।
Mobile में लागी रनी,ऊं तो दिन भर।।
मैलै तो नि जाणूं काकी, त्यर जंवै को घर।
Mobile में लागी रनी,ऊं तो दिन भर।।
Fb. बन्द करिबै, WhatsApp है जां शुरू।
सिण बखत लै mobileकैं, सिराण पारिधरू।
गेम में तो मास्टर छै, रातक बज जानी बार।
म्यर लिजी टैमैं नैहैं,मकैं कां करनी प्यार।।
मैलै तो नि जाणूं आमा, त्यर जंवैको घर।
Mobile में लागी रनी, ऊं तो दिन भर।।
मैलै तो नि जाणूं आमा, त्यर जंवै को घर।
Mobile में लागी रनी, ऊं तो दिन भर।।

ॐसूरदा पहाड़ी, 29-08-2019

सुरेंद्र रावत, "सुरदा पहाड़ी"
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