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द्वि आंखर-कुकुरिया लाड़

कुमाऊँनी व्यंग्य-अगर हमन थैं एक भलो बिदेसी नसल को कुकुर नै भ्यो, तभै ए शहर में हमरी के इज्जत नैं भै! Kumaoni Satire about love towards Dog

द्वि आंखर-कुकुरिया लाड़

(लेखक: दिनेश भट्ट)

तो महाराज, कुकुर हम इंसानों का भौत पुराना दगड़ु भ्या, कुकुरों कि याददाश्त, सुंगन कि ताकत भौत तेज हुंछि, पहौर करन खिन, चौकिदारी और वफादारी कि थैं कुकुर पाली जानेर भया।हमार, मुहल्ला में कुछ अवारा मल्लब जैको क्वे ग्वाला गुसैं न्हातिन, कुकुर छन।  नाना्, प्वाथा भौतै सुंदर देखीनान और बड़ा लाड़िल हुनान्, इथकै उथकै जान् बखत पुछौड़ हल्कै बेर खुटन पन लटिपटि जानान्।

लाकडाउन, में हम सब्बै लोग घरै में, भितरै लाक्ड रयां, आज भौत दिनन बात अपन बढ़तेढाड़ कि फिकर करते हुए मार्निंग वाक में गयूं तो गजबै म्याला होई भ्यो सड़क पन नान्तिना बुड़ बाड़ि ज्वान जबान मैडम जी सब्बै मार्निंग वाक में लागिं भया।  कैका, दगड़ बिदेसी नसल का पामेरियन, अलसेसन, लैब्राडोर, जरमन शेफर्ड ले आन बान शान ले मार्निंग वाक में लागिं भ्या।  एक मैडमजी का दगाड़ ठुल्लो भालू जसो कुकुर हिटन लागीं भयो, एक बोट में वीले द्वि चार बानर का प्वाथा देख्या तो ऊ मलिकै उनारा ताड़ा पसि ग्रो, मैडमजी धद्यून लागीन जैकी कम् कम्ओन!  गजब काला् भै हो महाराज, जैकी ज्यू अपनो मोट्टो झबर्यालो पुछौड़ हल्कून्वै वापिस आइ ग्यो।

हमन, ले नान्छना है गौं में, हड़ि हड़ि, छेप् छेप्, हट हट् सीखिं भ्यो।  इंगलिश, मीडियम में लाखों रुंपायां फीस भरि बेर ले हमारा नान्तिना इंग्लिश नै सिखी पांमरिया।  बिदेसी, नसल बिदेसी भाषा समझनेर भ्या पैं।

हमारा पहाड़ि शहर में उई मैंस सैप मानीं जानी जांछ जै थैं बिदेसी नसल को कुकुर हो, और रात्तै जो मार्निंग वाक में अपन पैट कैं पोटी, टायलेट करूंन खिन एक डिजायर डंडो पकड़ि बेर घुमाओ!  हमन इतुक बरस ए शहर में रहते है ग्यान, हमन थैं एक भलो बिदेसी नसल को कुकुर नै भ्यो, तभै ए शहर में हमरी के इज्जत नैं भै!

दिनेश भट्ट, सोर पिथौरागढ़

दिनेश भट्ट जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी शब्द सम्पदा पर पोस्ट
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