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खालि थुपुड़ - कुमाउनी इंटरव्यू: डॉ.दिवा भट्ट ज्यू

कुमाऊँनी भाषा में साक्षात्कार-कवि-सहित्यकार डॉ.दिवा भट्ट ज्यू-Kumauni Language Interview with Kumauni Litterateur Dr. Diva Bhatt Ji

★कुमाउनी इंटरव्यू: डॉ.दिवा भट्ट ज्यू

हमार कुमाउनी रचनाकार【24

मित्रो, कुमाउनी इंटरव्यू श्रृंखला कें आपुण भौत सारै प्यार मिलण लागि रौ। जैल म्यर लै हौसला अफजाई हुना और मैं लगातार आपूं सब लोगना सामणी समय-समय पर एक नयी कुमाउनी रचनाकार'क संक्षिप्त परिचय ल्हीबेर हाजिर हुनयूँ। तो यै क्रम में, आज मैं ल्हीबेर ऐरयूँ हमार कुमाउनी रचनाकार डॉ.दिवा भट्ट ज्यूक संक्षिप्त साक्षात्कार। इनर जनम 13 मई सन 1952 हूँ ग्राम बेलकोट (बेरीनाग) पिथौरगढ में ईजा श्रीमती भागीरथी देवी व बौज्यू श्री जयनारायण पांडेय ज्यू वाँ भौ। इनरी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा लक्ष्मी आश्रम कौसाणी (अल्माड़) बटी भै। स्नातक लोकभारती, सणोसरा जिला भावनगर और एम ए व पी एच डी गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद बटी सम्पन्न भै। पी एच डी में इनर शोधौ विषय-"स्वातंत्र्योत्तर हिंदी, गुजराती और मराठी कविता में मानव : एक तुलनात्मक अध्ययन छी। जैक बाद इनरी नौकरी कुमाऊँ विश्वविद्यालय अल्मोड़ा परिसर में अध्यापना कार्य में सन 1979 में लागै और सन 2013 में यौ सेवानिवृत्ति बाद स्वतंत्र रूपल लेखन कार्य में लागि रयी। सन् 1980 में इनर ब्या ग्राम विषाड़ पिथौरगढ में डॉ.जगदीश चंद्र भट्ट ज्यू (कृषि वैज्ञानिक) दगाड़ हौ। (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थानाक निदेशक पद बटी सेवानिवृत्त हैगी)। इनार द्वी च्याल छन डॉ.हिमाल भट्ट,वैज्ञानिक (जो भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई में) और श्री सोहिल भट्ट (जो इफ्को, टोकियो, गुरुग्राम हरियाणा में कार्यरत) छन। यौ वर्तमान में अल्माड़ में रौनई। प्रस्तुत छन इनन दगाड़ै हैई बातचीताक महत्वपूर्ण अंश..

सवाल01◆ रचना धर्मिता कब बटी और कसिक शुरू भै कुमाउनी लिखणैकि शुरुआत कां बटी भै?
जवाब● लक्ष्मी आश्रम कौसाणि में विद्यार्थी'नकि हस्त लिखित मासिक पत्रिका निकवैंछी। वी में सबै नान्तिन कविता, कहाणि और लेख लिखछी। रचनात्मकता शुरूआत तबै बटी भैछ। रचना हिंदी में हुंछी। एक द्वी गीत तब कुमाउनी में लेखीं। सन 1980 में अल्माड़ आई बाद फिर निरंतर लेखन शुरू भौ जो 'तराण' पत्रिका में छप छीं।

सवाल02◆ आपुण खास शौक के-के छन?
जवाब● सृजनात्मक लेखन, पढन, गीत-संगीत सुणन और (गैंण) गायन।

सवाल03◆ उ तीन मनखीनों नाम बताओ जनरी जीवनी और कार्य आपूं कें हमेशा प्रेरणा दिनी?
जवाब● दाज्यू देवी पुरस्कार पांडेय, कुछ गुरूजन और कुछ साहित्यकार जन प्रेरक रयी।

सवाल04◆ आपुण लोकप्रिय मनखी को छन? क्वे एक' नाम बताओ।
जवाब● स्वामी विवेकानंद जी।

सवाल05◆ आपूंल कुमाउनी और हिंदी'कि को-को विधाओं में आपणि कलम चलै राखै? आपणि लिखणेकि मनपसंद विधा के छ?
जवाब● कविता, कहाणि, उपन्यास, ललित निबंध, वैचारिक लेख, आलोचना, संस्कृति विषय'क लेख, व्यंग्य, संस्मरण आदि विधाओं में लेखन करि राखौ। कविता, कहाणि और लेख लिखन विशेष प्रिय छन।

सवाल06◆ आपुण हिंदी और कुमाउनी में प्रकाशित किताबों नाम कि -कि छ?
जवाब● प्रकाशित पुस्तक हिंदी में- १) मेरे देश की चाँदनी (कहानी संग्रह), २) नौ दिन चले अढ़ाई कोस (कहानी संग्रह),
३) अनिकेतन (उपन्यास), ४) अक्षरों का पुल (कविता संग्रह),
५) क्षण न भारा सहियारा (गुजराती कविता संग्रह), ६) ओमीसियम (गुजराती कविता संग्रह),
७) आधुनिक भारतीय कविता में मानव (शोध-समीक्षा), ८) साहित्य की प्रतिध्वनियां (शोध समीक्षात्मक लेख संग्रह),
९) हिमालयी लोकजीवन (शोध समीक्षा), १०) उत्तराखंड की लोकसाहित्य परंपरा,
११) उत्तराखंड की सांस्कृतिक अभिव्यक्तियाँ, १२) रास्ते अधूरे नहीं होते,
१३) कुछ अनुदित रचनाएं गुजराती, पंजाबी, उड़िया, मलयालम और अंग्रेजी में प्रकाशित।
●संपादित पुस्तक- १) पछ्याण (कुमाउनी कविता संकलन), २) तुम्हारी ही बहन जी (सरला बहन के पत्रों का संकलन),
३) उत्तराखंड की लोक संस्कृति में वैज्ञानिकता, ४) उत्तराखंड के हिंदी कवि,
५) भाषा संप्रेषण-विविध आयाम-सह संपादन।
●कुमाउनी में आई तक केवल "पछ्याण" किताब'क संपादन करि राखौ। कविता, कहाणि, लेख, समीक्षा और भूमिका'नक संकलन करण छू।

सवाल07◆ यौ सब सामाजिक, साहित्यिक कार्य करते हुए आपूं कें आज तक के-के सम्मान और पुरस्कार मिलि रयी?
जवाब● (१) 'सारिका पुरस्कार' नरभक्षी कहाणि लिजी, (२) उत्तर प्रदेश हिंदी अकादमी पुरस्कार 'मेरे देश की चाँदनी' लिजी।
(३) गुजराती साहित्य परिषद का 'भगिनी नवेदिता' पुरस्कार, 'क्षण न भारा सहियारा' लिजी। (४) संजीवनी सम्मान, (५) महादेवी वर्मा सम्मान-आधारशिला अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य सम्मेलन मॉरीशस। (६) कुमाउनी भाषा एवं संस्कृति प्रचार समिति अल्माड़ 'पहरु' द्वारा कुमाउनी भाषा साहित्य सेवी सम्मान। (७) मोहन उप्रेती लोक संस्कृति, कला एवं विज्ञान शोध समिति का समिति सम्मान।
(८) भा0 कृ0 अनु0 परि0 (आई.सी.ए.आर) का सम्मान- भा0 कृ0 अनु0 परिषद'क शीर्ष गीत लिखण'क लिजी। (९) साहित्य भूषण सम्मान-अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, लंदन। (१०) लोक दक्षिणामूर्ति पूर्व विद्यार्थी सम्मान। (११) एम ए में सर्वोच्च स्थान हेतु ताम्रपत्र।

सवाल08◆ आपुण जिंदगीक एक यादगार किस्स बताओ जो सबन दगड़ी साझा करण चाँछा?
जवाब● यादगार किस्स अनेक छन।
मेरि इज निरक्षर छी। घरक और खेति-पातिक काम करैंछी। बाबू अर्जीनवीस छी।
म्यार नानछना हमार इलाक में चेलिन कें इस्कूल नि पढूंछी। म्यार दाज्यू'ल मैं कें पढूण हुं कौसाणि पुजा। घर बै चौकोडि तक दस मैल, जै में आदु है जादे चढाइ छी, हम हिटि बेर गयां। मोटर गाड़ि मैंन पैल पैली उ दिनै देखी। मेरि इज हुं गौं वाल ओलाण करछी कि तू निर्मोहि छै, जो यतु नानि चेलि कें उतू दूर भेजि दे। मैं साल में एकै बखत छुट्टी में घर जांछ्युं। एक बार घर बै निकली बाद सदा घर बै दूरै रयुं। म्यर भल विकास होल कै म्यार दाज्यूल म्यर हाथ पकडौ और इजैलि आपणि ममता'क बलिदान दे। यो बात मैं कें सदा याद आते रूंछि।

सवाल09◆ आपूंल भौत सारै भाषाओं में लेखना्क दगाड़-दगाड़ै अनुवाद लै करि राखौ। आपूं कें कतू भाषाओं ज्ञान छ और उ भाषा को-को छन?
जवाब● कुमाउनी-हिंदी सिवाय गुजराती, मराठी और अंग्रेजी'क थ्वाड़ भौत ज्ञान छ। यौ भाषाओं बै अनुवाद लै करि राखी। कुमाउनी, हिंदी और गुजराती में रचनाकर्म।

सवाल10◆ आपुण हिंदी और कुमाउनी'क प्रिय लेखक को-को छन द्वी-द्वी नाम बताओ?
जवाब● हिंदी में- जयशंकर प्रसाद और अज्ञेय।
कुमाउनी में- शेरसिंह बिष्ट 'अनपढ़', गोपालदत्त भट्ट, राजेंद्र बोरा (त्रिभुवन गिरी), चारूचंद्र पांडे, जगदीश जोशी, महेंद्र महरा, राजेंद्र रावत आदि कुमाउनी'क भाल कवि छन।

सवाल11◆ आपण जिंदगी'क सबन हैं ठुल खुशीक एक मौक बताओ?
जवाब● खुशीक भौत मौक छन। पैली पढाई करणा लिजी गौं बटी भ्यैर निकवण'क मौक। दुहर पहाड़ बै गुजरात जाणोंक मौक। फिर कु.वि.वि. में नौकरी लागण पर फिर पहाड़ वापिस ऊणों मौक। भारतीयत कृषि अनुसंधान परिषद'क गीत रचण और वीक पुर देश में सम्मान। आदि।

सवाल12◆ अगर क्वे नवोदित लेखक, रचनाकार आबेर आपूं धैं, आपण लेखन कार्य में सुधार करणा लिजी सुझाव मांगलौ तो कि कौला उधैंॽ
जवाब● नवोदित लेखकों धैं इतुकै कूंण छु कि उत्तम साहित्यक खूब अध्ययन करौ। आपूं कें मास्टर नै, विद्यार्थी समझौ।

सवाल13◆ वर्तमान में के रचनौछा और आपुणि ऊणी वाली क्वे रचना?
जवाब● वर्तमान में लिखण और पढन चालू छु। पत्रिकाओं में रचना छपते रूनी। नई किताब ऊण में थ्वाड़ देर छु।

सवाल14◆ आपुण जिंदगी'क मूल मंत्र कि छ?
जवाब● जाँ तक है सकों दुसारोंक नौक करण हैं बचते हुए अघिल कै बढते रूणेकि कोशिश।

सवाल15◆ नवोदित लेखक व रचनाकार कस काम करनयी और नई पीढी क रचनाकारों हूं एक संदेश के दिण चाला?
जवाब● क्वे-क्वे नई रचनाकार भल लिखनयी। उननमें ताजगी छु, प्रयोग धर्मिंता छु। जादेतर नयी रचनाकार खालि थुपुड़ लगूंण में लागि रयी, यौ हितावह न्हैंती।

सवाल16◆ आपुण मन पसंद पहाड़ि खाणु के छ?
जवाब● चुड़कानी, भटी, भांग हाली गडेरी साग।

सवाल17◆ साहित्य के छ आपुण शब्दों में बताओ?
जवाब● रेगिस्ताना'क बीच में पाणिक् स्रोतकि जो जाग छु वी मनुष्य समाज में साहित्यकि छु।

सवाल18◆ लोकभाषा बचूण किलै जरूड़ी छन?
जवाब● लोकभाषा लोकसंस्कृति'कि बुनियाद छु। ना्न भौ कैं संस्कारवान मैंस बणूंन में लोकभाषा'क ठुल हात छु। हरेक लोकभाषा में अभिव्यक्ति'क आपुण अलगै ढंग हुनी। लोकभाषा आपणि भौगोलिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक विशेषताओं कें लै आपुण भितेर समैं राखैं। लोकभाषा हरै जाली' त मैंसाक संस्कार बुसिल है जाल। पृथ्वी'क पर्यावरण बचूण में जसिक जैवविविधता कें बचूण जरूड़ी छु, उसीकै समाज और संस्कृती कें बचूण हूँ लोकभाषाओं कें बचूण जरूड़ी छु।

सवाल19◆ आपुणि मन पसंद एक किताबौ नाम बताऔ?
जवाब● मन पसंद किताब भौत छन।

सवाल20◆ आपूं कें टीवी में देखण के भल लागों?
जवाब● रत्ती ब्याणाक दूरदर्शन समाचार। मानव मूल्योंकि कलात्मक अभिव्यक्ति वाल सार्थक सीरियल।

सवाल21◆ एक संदेश आपुण पुर कुमाउनी समाज हूँ?
जवाब● कुमाउनी कें बचै राखिया।
धन्यवाद।

भौत-भौत धन्यवाद महोदया सादर, भौत भल लागौ आपूं दगै बातचीत करिबेर।

प्रस्तुति~राजेंद्र ढैला काठगोदाम।
आपसे अनुरोध है कि राजेंद्र ढैला जी के बारे में जानने के लिए
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