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मुनिश्रेष्ठ मोद्दा-कुमाऊँनी व्यंग्य

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मुनिश्रेष्ठ मोद्दा 

लेखक: विनोद पन्त 'खन्तोली'


भ्यैर लौकडाउन लागी भै, मैं रत्तिब्यांण चार बाजी उठ बेर पारभिड क खडक दा क यां दूध लूणा लिजी बाट लाग्यू ..।  हालांकि आजि खडकदा कि बौराणि लि दूध नि लगा हुन्योल फिर ले टैम पर जांण ठीक हुनेर भै।  फिर कती बटी पुलिस वाल ऐ जाल तो कां बटी उणौछे कां जाणौछै पुछाल, कुछ कर्तव्यनिष्ठ पुलिसवाल यास ले मिल सकनी जो पैली भेलन में द्वि जांठ माराल फिर आसल कुशल पुछाल।  तैहे टैम पर न्हे गे फिर रत्तिब्याण खडक दा कि बौराणि दगाड चार फसक मारण ले भलै लागनन।  उसके ले बुड्यांकाव तास रंगीलि बोजी कां मिलनन।
 
खैर घर बटी आदू मील जस पुज रै हुनेल्यूं , जसै गध्यार पार करणतैं बटीण्यू तो देख गध्यार पार एक ढूंग में फूं फां की आवाज उणय..।  झुकमुक हई भै.. मैल सोचि - आहा आज पडि गेयू के सकस क हात..।  जि छ तौ.. आज पक्क छौव क हात पड गेयूं, मीलि.. जय हनुमान ग्यान गुण सागर.. शुरु कर हाल पर  फूं फां की आवाज बन्द नि भै और न उ छौव अलोप भै..।  आब मेके बाबू बताई बात याद ऐगे.. बाबू कूंछी यास टैम में देवी कवच पढण चें...।  मैलि लगभग हकाहाक करबेर -....ॐ नमश्चण्डिकायै।  ॐ यद्गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम.. शुरु कर...

मेरि आवाज सुणबेर सामणि बटी आवाज ऐ... को छ रे..?  मैलि भली के चाय तो देख कि एक मुनिश्रेष्ठ बांजाक पत्यालनक आसन में विराजमान हैबेर योग करण लागि रईन।  उनार योग क प्रभावलि मतल सांस भीतर भ्यैर ल्हिण में फूं फां कि जो आवाज उणय उके मी महामूढ मतिमन्द पापी भूत या छौव समझ्यू..।  लेकिन उ मुनिवर कें देखबेर मेर ग्यानचक्षु खुल ग्याय।  आहा लम्बी सफेद दाडि जाणि गार्नियर ह्वाईट कि पुरि ट्यूब लगे राखि हुनेलि।  सफेद कुर्त पैजाम वीक मैलि वास्कट एक रंगीन धाडीदार दुपट्टानुमा वस्त्र कन्ध और गल मेॆ शोभायमान।  छप्पन इंची छाति वलिष्ठ भुजा.. मुखमण्डल में तेज अलौकिक आभा.. यस लागणय कि क्वे दिग्विजयी परम प्रतापी राजा वन में ऐबेर तपस्या करनौ और आपुण इहलोक परलोक सुधारण लागि रौ।  मतलब उ ब्रह्मर्षि नै एक राजर्षि लागणाय।

उनन कें देखबेर में उनार नजदीक गेयूं.. मैलि साष्टांग दण्डवत खुट्टी चार कौय -  मैल सोच आज महान रिषि क दर्शन हैगेईन.. मेर नेत्र सजल हैग्याय, पलकावलि भीजि गे, रोम रोम ठाढ हैग्याय मतलब आंगा क कान् बकुर ग्याय।  आनन्दातिर्क में खाप बटी शब्द नि फुट.. मैल जो कसिनि दूध क लिजी लिजै रौछ्यू उमें गध्यार बटी पाणि निकाल और उनार चरण पखारण लाग्यूं.. तो उ मुनिश्रेष्ठ क खाप बटी आवाज ऐ - .. ओ बाबाहो.. भौते अरज पाणि हैरौ.. कि बजर पाडनौछौ तस..?

मैलि कौय - क्षमा करो मुनिवर.. तुमार चरण सरोह पखारन लागा करनौछ्यू.. मुनि कूण लाग - अच्छा.. अच्छा..।  पर यो बता विनोद तू कां जाणौछे यो अन्यारटोप..?  मैल कौय - तुम तो अन्तर्यामी घट घट वासी छा प्रभू..।  तुम तो मेर नाम पछ्याण गेछा.. आपुण परिचय दिओ मुनिवर.. रामानन्द सागर क लगाई छा या बी आर चोपडा क पठाई छा।  मतलब रामायकालीन - वशिष्छ ज्यू, विश्वामित्र ज्यू, गौतम रिषि, अगस्त्य ज्यू छा या महाभारतकालीन वेदव्यास ज्यू छा।  हमार पूज्य परशुराम ज्यू छा या प्रात: वन्दनीय महर्षि बाल्मीकि ज्यू छा.. अगर तदुक रिषि मुनि में क्वे नहात्या तब ले क्वे महान  पुरुष हुनेला.. मेके आपुण चरण वन्दना करण दिओ मेके कुछ ग्यान दिओ।  यो कलिकाल में कोरोनाकाल में कोरोनासुर राक्षसक आतंक बटी मुक्ति दिलाओ, मेके गृहस्थाश्रम चलूणकि शक्ति सामर्थ दिओ। चारो ओर हाहाकार हैरौ प्रभू, के न के करो..।
 
मेर यास कातर वचनन कें सुणबेर उ मुनि जोर लि हंसण बैठ गे।  और कूण लाग - बाबाहो तदुक डिमांड एक दगाड धर हालन त्वील.. इन्तजार कर सब कर द्यूल.. लेकिन एक बात बता यार विनोद.. त्वीलि मेके साच्चि कै नै पछ्याणै या करि चाणछै..?  मेकें आवाज कुछ जाणी पछ्याणी जस लागि मैलि भली के मूख चाय पर पछ्याणण में नि आय।  मैलि कौय - मैं मन्तिमन् , मूर्ख शठ,  नराधम, तुमन कें नै फछ्याण सक्यूं..।  तुमै कृपा करबेर आपुण असली रूप दिखाओ..। 

फिर .. हा हा हा हा कैबेर आवाज ऐ .. मुनिवर लि दाढि जरा मलिके करि और कूण लाग - अरे यार .. तू ले टोलि रौछै.. रत्ति ब्याण अत्तर तो नि पी ल्हिरये.. मी मोद्दा छ्यू ... आज बैचालि क्ये रौछै.. और बखत तो खूब मोद्दा मोद्दा करछै..।

मैलि कौय - अरे .. मोद्दा .. ततैणि बाफिलै जस घांच तुमरि दाढि में कसिके पछ्याण छ्यूं.. और यो गध्यारन कि करनौछा..?  मोद्दा कूण लाग - तनाव कम कपणतेॆ योग करनयूं यार..।  मैलि कौय - पैं मेकें फोन फान करना पैली बतूना.. आब हिटो घर हिटो वें करला तौ योग होग.. मी दूध लिउ.. फिर दगडै चहा पील.. यो गध्यारन ठन्ड लागल तो तुमार ख्वार बटी निकल जाल तौ योग..।

मोद्दा कूण लाग - चल ठीक छ पैं .. तू दूध ला.. तब तक मी तेर इन्तजार करूं तुमार आंगण मेॆ..।  मी दूध लूण और मोद्दा हमार घर उज्याण बाट लाग गे...

विनोद पन्त' खन्तोली ' (हरिद्वार), 29-04-2021
M-9411371839
विनोद पंत 'खन्तोली' जी के  फ़ेसबुक वॉल से साभार
फोटो सोर्स: गूगल 

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