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जिम कार्बेट पार्काक् शेर.

कुमाऊँनी भाषा में शेर-शायरी, ज्ञान पंत जी द्वारा  Kumauni Sher-Shayari by Gyan Pant, Kumaoni Shayari

जिम कार्बेट पार्काक् शेर......

रचनाकार: ज्ञान पंत

तु 
हिट त सई 
धा्ंक दिनेर 
भौत मिल जा्ल 
बा्ट पन लै ......

पिरुल 
मस्तु फोगी रौ 
रड़ि ले जालै त 
के नि हौ 
डरियै झन .....

नाना-ना्न 
शाल'क बोट 
अङाव हालण तैं 
बैठी छन
उलारुँन लै ....

और के नै 
डाँसि ढुँङन है 
बचि बेरि रयै ....

मनखी'की चार 
यो ले 
कै कैं 
छाड़न न्हाँतिन।।
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जिन्दगी'क 
नशा भये त ....
कैल हाँणी 
पत्त नि चलन 
कां लागी 
देखीन न्हाँ 
और "घौ" ले
कभै पुरीन न्हाँ ....

जब जाँणै 
मनखी 
होश में आल 
रात ब्या जनेर भै 
झुरमुट उज्याव ले 
हैयी जनेर भै 
यसी कै ....

दुहार दिन ले 
गगैरि भरी जिन्दगी 
कैका ख्वारून बै 
छलकण देखी गे त 
समझौ 
दिन सपड़ि ग्यो ...

मैं सोचूँ 
यै सामुणिं 
"बोतल" के नि भै। 
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शब्दार्थ:-
धांक - धक्का, 
मस्तु - बहुत, 
रड़ि - फिसलना,  
अङाव हालण - गले लगाना, डाँसि 
ढुँग - तीखे पत्थर

Dec 12,13 2017
...... ज्ञान पंत
ज्ञान पंत जी द्वारा फ़ेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी से साभार

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