
उत्तराखंड राज्य आंदोलन गीत
रचनाकार: महेश जोशी
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राज्य आंदोलन की याद में!
नौजीले धरनो होलो,
धरिल्हीया बाद में।
राज्य बनुन जांण रया,
आ हो दाज्यू साथ में।
देवुन की यो भूमि
चाहे देवांचल क्या
बीरून की यो भूमि,
चाहे बीरांचल कया।
या उत्तराखण्ड कया,
या उत्तरांचल कया।
जीले कून होलो,
कै ल्हीया बाद में।
राज्य बननुजाण रया,
आहो दाज्यू त्रत्रत्रत्र।
ओ म्यारा भै-बैनियों!
भर तुम इसी हूंकार।
थर-थर करो यो सरकार
रसुणी बैर शेरून की दहाड़।
कि कुमांऊं कि गढ़वाल,
घर-घर जलिरै आंदोलन मस्याल।
हिटला पुष्कर दा-मोहनदा,
हिट हुजूम का साथ में।
नौजीले धरनो.....,
येबार त् लड़नी छः।
आर-पार की लहै,
अलग राज्य बनन मेंछ:,
ये पहाड़ की भलै,
बुटि-धातिले बाद में।
नौ नैकि ले बाद में,
काका-काखिले साथ में।
आमा-बुबूले साथ में,
सारो पहाड़ एक मुख छ।
अलग राज्य की बात में,
राज्य बनुन जाण......।
ओ कैलाश, ओ महेश,
सुण ला देवेन्द्र,श्यामू-रमेश।
जन डर-अघिल बढ़बढ़किशनदाख
चैन की सांस ल्हूला अपना राज्य में।
माधवानन्द पंगरिया जी लेछन,
छन हमारा साथ में।
नौजीले धरनो होलो,
धरि ल्हीया बाद में।
राज्य बनून जाण.......।
महेश जोशी, भड़कटिया
फेसबुक से साभार
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