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चैत मास भेटौली को महैणा

चैत मास भेटौली भिटौली को महैणा,Bhitauli traditon in kumaon, chaitra month is month of gifting bhtauli to married girls in kumaon

भेटौली

रचनाकार: लीला मनराल

चैत मास भेटौली को महैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

घुट-घुट-घुट लागि रै बाटुई,
मैं दी ऊनू दिदी के भेटौई।
बाट लागि जूंलो राति राति ब्याणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

चैत मास भेटौली को महैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

टुक-टुक बाट चाइए हुनेली,
कब आली भेटौई कून हुनेली
फुली प्योली बुरूंशी, फुली दैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

चैत मास भेटौली को महैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

बणै दे इजू दिदी हैं छकोड़ी,
एक धोति ल्यै दे ख्खरै की पिछोड़ी।
दिन रात दिदी कै ऊनी स्वैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

चैत मास भेटौली को महैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

भुलू दिदी को सौरास पुजछौ,
दिदी गल मिली कुशल पु,छौ,
कसी इजू कसा म्यारा भाई बैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

चैत मास भेटौली को महैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।

मैत की सब कुशल बतूंछौ,
औनी रए जानी रए दीदी कुंछौ,
मेरी मैत की भगवती है जै दैणा,
आज घर-घर बांटि ऊलौ पैणा।

चैत मास भेटौली को महैणा,
आस लागि रै हुनेली मेरी बैणा।



कुमाउनी पत्रिका ‘पहरू’ मार्च अंक से साभार

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