
पहाडुं में नामे'कि कुकुरगत्त
.प्रस्तुति: ललित जोशी
पहाँडू में पेली, भलोभल नाम धरनी
फिर जिंदगीभर नामेकि, कुकुरगत्त करनी
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भूवन, भुभि हैं जां
हेम, हेमूआ
सुरेश कें, सुरि कुनी
नरेश, नरूआ
मोहन, मोहनिया होय
तारादत्त, तरिया
गंगा सिंह, गंगु होय
धाराबल्लभ, धरिया
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रमा कें, रमुली कुनी
कमा कें, कमुलि
अंजू, अंजुलि भई
भगवती, भगुलि
दुर्गा हैंजे, दुर्गलि
निर्मला, निर्मुलि
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सुन वाल, हिरदा सुनार
लू वाल, कऊ लूआर
नानो ललित हूँ, लल्लू गांठी कुनी
मोट कैलाश, कैलू गिंड हुनी
ट्रक वाल सब, सेठ्ज्यु हाय
स्कूल वाल, बेहेंजी मास्सेप भाय
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दम लगुणी उमेश कें, उमी अत्तरची कुनी
गप मारनी रमेश, रमु फसकी हुनी
खूब खानेर सुमन, सुआ खदुली
देखणचाँण रूपा, गों की रुपली
द्वार-द्वार घुमणि हरीश, हरु डोई
सिद्साद देबिदत्त, देबी लाट हे गोई
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पहाँडू में नामेकि, येसी कुकुरगत्त हेरें
भ्यार वाल नाम धरला, फिकर कैंके हेरें
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