पहाड़ी बुलाओ, पहाड़ी लेखो
प्रस्तुति: मंगल जोशी
नमस्कार मित्रो आज जन्माष्टमी पर्वेकि आपू लोगनकै
सपरिवार शुभकामना व हार्दिक बधाई छू।
पहाड़ी भाषा बोलणाक लिजि एक कविल कविता
लेख प्रस्तुत करि राखी।
पहाड़ी बुलाओ, पहाड़ी लेखो,
पहाड़ी आपुण नानतिनं कै ले सिखाओ
कसिकै लै पहाड़ी भाषा बचाओ।
धन्यवाद।
ईजा कै मम्मी नी बनाओ.
बाज्यू कै नी बनाओ पापा।
मै सस्कृति के जरूर बचुल,
य छु म्यर आपुण वादा।।
रीति-रिवाज नी भूलो,
मॉम डैड सब छोड़ो।
ईजा-बॉज्यू कण सब सीखो,
एक अक्षर रोज पहाड़ी लिखो।।
इंग्लिश मे नी आओ बबा,
बात म्यर सुनो जरा।
नथ पिछौर साड़ी पैरो दीदी,
हम लोग तो पहाड़ी ठहरा।।
जोड़ी छी सब लोगुह् हाथ,
बुर झन मानिया म्यर बात।
कुर्ता पजाम टोपी पैरो ददा,
गलती है ली कर दिया माफ़।।
थोड़ा करी लिनु कॉमेडी
थोड़ी लिख लिनु कविता।
आप लोगो प्यार मिलो मकै।
आप लोगुक बहुत बहुत सुक्रिया।।
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