
कुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ
यहाँ पर हम कुमाऊँनी की कुछ प्रचलित मुहावरों और लोकोक्तियों को उनके अर्थ के साथ जानने का प्रयास करेंगे:-एक आँखक उज्याव
अर्थात
अकेली औलाद पर भरोसा या जिम्मेदारी होना
एक कावाक नौ काव
अर्थात
एक बात से अनेक बात पैदा होना /बात का बतंगड़ बन जाना
एकै खाड़ाक पिनाऊ
अर्थात
एक ही तरह के नालायक
एक खुटि में नाचण
अर्थात
ज्यादा ही उत्साहित होकर अपनी क्षमता से अधिक कार्य करना
एक गौं एक गाड़, दूर नै टाड़
अर्थात
अत्यधिक निकट की जान-पहचान होना
एक गंगोलिया, सौ को रिंगोलिया
अर्थात
गंगोलि (गंगोलीहाट वाले लोग) बहुत चतुर माने जाते हैं
एक तयि रोटि लै खोटि, एक तरफ़ि माया लै खोटि
अर्थात
एक तरफ़ आधी पकी रोटी की तरह एक ही तरफ़ से स्नेह ठीक नही होता
एक तिलौक गूद, सात भै-बैणी बांट खै
अर्थात
आपस के प्रेम में बंटवारे के लिए कोई विवाद नही होता
एक दांतौक मोल दि, बत्तीस दांत खोल दि
अर्थात
छ्ल-कपट कर किसी की वस्तुओं पर अधिकार करना
एक दिनौक पुन, द्वि दिनौक पुन, तिसार दिन भैंसाक दुन
अर्थात
मेहमान कुछ समय के लिऎ ही पुज्य होता है
एक बखत मरि जाण, आपुण परायि देखि जाण
अर्थात
संकट के समय ही सच्चे हितैशियों की पहचान होती है
एक सींगि बल्द सार परिवार पालूं
अर्थात
एक कमजोर व्यक्ति पर सारे परिवार कि जिम्मेदारी
एक सुड़ूक में स्वाद, एक झलक में संसार
अर्थात
अच्छा स्वाद व अच्छा दृश्य छुप नहीं पाता
और खेल, और खेल, आँख ड्यामणाक खेल
अर्थात
ऐसे काम करना जिसमें हर हाल में नुकसान ही हो
उपरोक्त मुहावरों और लोकोक्तियों के सम्बन्ध में सभी पाठकों से उनके विचारो, सुझावों एवं टिप्पणियों का स्वागत है।
पिछला भाग-३>> <<अगला भाग-५>>
0 टिप्पणियाँ